स्वर्णमुखी छंद ( सानेट )
111…. स्वर्णमुखी छंद ( सानेट )
जहां थिरकता सच्चा मन है,
प्यारा भारत कहलाता है,
वह सुंदर राह दिखाता है,
उत्तम भारत सभ्य वतन है।
जहां ज्ञान की बातें होती,
विद्या मां का यह आलय है,
मोक्ष प्रदाता विद्यालय है,
मस्तानी शिवरातें होतीं।
मत पूछो भारत की महिमा,
यही विश्व को वेद पढ़ाता,
रामचरित का मंत्र बताता,
सदा शीर्ष पर इसकी गरिमा।
भारतीय संस्कृति सर्वोत्तम।
इसमें बैठे शिव पुरुषोत्तम।।
Gunjan Kamal
25-Nov-2022 01:35 PM
वाह बहुत खूब
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Zakirhusain Abbas Chougule
19-Nov-2022 10:05 PM
बहुत खूब
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Sachin dev
18-Nov-2022 04:07 PM
Bahut khoob
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